कमोडिटी बाजार : देश में 300 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान, नहीं बढ़ेंगे दाम
इस साल चीनी की खुल खपत करीब 260 लाख टन रहेगी और निर्यात लगभग 30 लाख टन हो सकता है. इस प्रकार, सीजन के अंत में 30 सितंबर को अगले साल के लिए बकाया स्टॉक करीब 114 लाख टन रह सकता है.
देश में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में 300 लाख टन हो सकता है.
देश में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में 300 लाख टन हो सकता है.
राष्ट्रीय सहकारी शुगर कारखाना संघ लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) ने कहा है कि देश में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में 300 लाख टन हो सकता है. एनएफसीएसएफ की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, गन्ना पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में देशभर में चालू 400 से अधिक चीनी मिलों ने तीन जनवरी तक 10.83 करोड़ टन गन्ने की पेराई करके 113 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है. सबसे ज्यादा महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 441 लाख टन गन्ने की पेराई करके 46 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है. इसके बाद उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 308 लाख टन गन्ने की पेराई करके 20 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है.
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन में 300 लाख टन हो सकता है, जबकि पिछले सीजन का बकाया स्टॉक 104 लाख टन के आसपास होगा. इस प्रकार चीनी उत्पादन व विपणन वर्ष 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी की कुल आपूर्ति 404 लाख टन रह सकती है.
एनएफसीएसएफ के अनुसार, इस साल चीनी की खुल खपत करीब 260 लाख टन रहेगी और निर्यात लगभग 30 लाख टन हो सकता है. इस प्रकार, सीजन के अंत में 30 सितंबर को अगले साल के लिए बकाया स्टॉक करीब 114 लाख टन रह सकता है.
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खपत के मुकाबले सप्लाई ज्यादा
चीनी का पर्याप्त स्टॉक होने के कारण चीनी के दाम बढ़ने की कोई संभावना नहीं है. वर्ष 2018 में चीनी के दामों में 8 से 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. यही हाल इस वर्ष भी बना रहेगा. यानी 2019 में भी चीनी के दामों में कोई इजाफा नहीं होगा. ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के मुताबिक, अगर चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण नहीं हो तो, इसके दाम और नीचे आ सकते हैं. क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीनी की आपूर्ति मांग के मुकाबले कहीं ज्यादा है.
किसानों को फायदा
एसोसिएशन का कहना है कि चीनी की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण होने का सीधा फायदा गन्ना किसानों को मिल रहा है. चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसनों को समय पर भुगतान हो रहा है. किसी समय में चीनी मिलों पर किसानों का कभी 300 करोड़ से अधिक का बकाया रहता था, वह इस समय महज 85 करोड़ तक आ गया है.
06:22 PM IST